PM Aasha Yojana 2024: सरकार करेगी 35,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित

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PM Aasha Yojana: हमारा भारत कृषि प्रधान देश है। हमारे भारत की आधे से ज्यादा आबादी खेत पर निर्भर करती है। महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं किसान। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आए संरक्षण अभियान योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है ताकि किसान बेहतर मूल्य और आवश्यक वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव को कंट्रोल कर सके। साथी 15वें वित्त आयोग चक्र के लिए 2025-26 तक 35,000 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है। किसानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना और उपभोक्ता के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव को प्रबंध करना ही इस योजना का उद्देश्य है।

योजना का नाम PM Aasha Yojana 
किसके द्वारा शुरू हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 
लाभार्थी किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य मिल सके
आवेदन की शुरुआत तिथिसितम्बर 2018
सहायता राशि 35,000 करोड़ राशि आवंटित
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन
आधिकारिक वेबसाइट PM Aasha Yojana

PM Aasha Yojana और उद्देश्य:

सितम्बर 2018 में Pradhan Mantri Annadata Aay Sanrakshan Abhiyan (PM-AASHA) की शुरुआत की गई थी। फसल में कीमत को सुनिश्चित करना ही इसका उद्देश्य था, ताकि किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य मिल सके और उन्हें बाजार के जोखम से बचाया जा सके। इस योजना के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के माध्यम से फसलों को खरीदने का प्रावधान शुरू किया गया है।

इस योजना की लिमिट मसूर, उड़द और अरहर पर नहीं लागू की जाएगी। मूल समर्थन योजना के तहत 2024-25 में तिलहन और खोपरा के राष्ट्रीय उत्पादन के 25 प्रतिशत की खरीदारी की जाएगी!

सरकार ने 35,000 करोड़ राशि आवंटित की है इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए। इस योजना का उद्देश्य आवश्यक वस्तुओं की कीमत को स्थिर रखने और किसानों के हितों की रक्षा करना है ताकि हमारे उपभोक्ता को भी लाभ मिले।

किसानों के खरीद में बदलाव:

2024 से 2025 सत्र, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिसूचित दलहन और तिलहन की खरीद राष्ट्रीय उत्पादन का 25% कवर करेगी|मसूर, उड़द और तुअर दालों के लिए अपवाद, 2024-25 सत्र के लिए 100% खरीद की योजना बनाई गई है।

पीएम आशा योजना के मुख्य भाग:

  • मूल्य समर्थन योजना (PSS): इस योजना के तहत सरकार किसानों से उनके फसलों को सीधे खरीदती है। यह तब लागू होती है जब बाजार में फसलों का मूल्य गिर जाता है। यह योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कीमतों में उतार-चढ़ाव अधिक होता है। इस योजना के तहत MSP पर अधिसूचित दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद 2024-25 सत्र से इन अतिसूचित फसलों के राष्ट्रीय उत्पादन के 25% पर होगी।
  • मूल्य घटा भुगतान योजना (PDPS): इसमें अधिसूचित तिलहनों के लिए कवरेज राज्य उत्पादन के 25% से बढ़कर 40% किया गया है। इसमें किसानों को MSP और बाजार मूल्य के बीच के अंतर के लिए मुआवजा दिया जाता है, जिसमें केंद्र सरकार MSP का 15% तक कर करती है।
  • बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS):
    1.इसमें टमाटर, प्याज और आलू फसलों के लिए परिवहन और भंडारण लागत के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
    2.इसके तहत कवरेज उत्पादन को 20% से बढ़ाकर 25% किया गया है।
    3.इसमें किसानों को भौतिक खरीद के बजाय सीधे अंदर भुगतान का नया विकल्प दिया गया है।
    4.इसे खराब होने वाली बागवानी फसलों के किस्‍त को सहायता देने के लिए विस्तारित और संशोधित किया गया है।
  • मूल्य स्थिकरण कोष (PSF):
    इनमें प्याज और दाल के रणनीतिक बफर स्टॉक को बनाए रखना शामिल है। इसके तहत उपभोक्ता मामले का विभाग (DoCA) फिर से MSP से ऊपर खरीद का प्रबंध करेगा। शुरुआत कृषि-बागवानी वस्तुओं के लिए अत्यधिक मूल्य उतार-चढ़ाव को कम करने के उद्देश्य से की गई थी।

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किसानों के लिए लाभ:

PM Aasha Yojana किसानों को हर प्रकार से लाभ प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा की गई एक सफल योजना है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने तिलहन, दलहन और अन्य फसलों की खरीद को बढ़ावा दिया है, ताकि किसान को MSP के अनुसार कीमत मिल सके। इससे किसानों में फसल के प्रति आत्मविश्वास बढ़ा है, क्योंकि सरकार उनके उपज के सही मूल्य की गारंटी दे रही है।

ई-समृद्धि और ई-संयुक्ति जैसे ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण की सुविधा दी गई है, जिससे उन्हें योजना का लाभ आसानी से मिल सके। साथ ही, डिजिटल प्लेटफॉर्म को मजबूत करने से बाजार तक पहुंचने में सुधार होगा, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा।

बाजार संतुलन और उपभोक्ता के फायदे:

इस योजना से मैं केवल किसानों को लाभ मिल रहा है बल्कि उपभोक्ता के भी फायदे हैं। सरकार कृषि उत्पादों का जमा करती है। बाजार में इनकी कीमतें पिछली कीमतों से ज्यादा बढ़ती हैं, तब इन्हें जारी करके कीमत को नियंत्रित करती है। उपभोक्ता को आवश्यक अनाज उचित मूल्य पर उपलब्ध होती हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता पर नियंत्रण रहता है।

आलू, प्याज, टमाटर जैसी फसलों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इन फसलों में कीमतें अधिक होती हैं, इसलिए सरकार ने संचार और संचय की व्यवस्था की है ताकि फसलों को उत्पादक राज्यों से उपभोक्ता राज्यों तक समय पर पहुंचाया जा सके। इससे उपभोक्ताओं को उचित दामों में अनाज और फसलें मिल पाएंगी और उनकी उपज का सही दाम मिलेगा।

निष्कर्ष :

इन योजनाओं का उद्देश्य है कि किसानों को उनके मेहनत का सही और लाभकारी मूल्य मिले। पीएम आशा योजना किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

मै रिया शर्मा पिछ्ले 3 सालो से हिंदी में कंटेंट राइटिंग कर रही हूँ| मै योजना,नौकरी और बिजनेस अवधारणा में विशेषज्ञ लेखक हूँ| मै 'देवरिया टुडे' के माध्यम से योजना, व्यवसाय,नौकरी से संबंधित जानकारी आप तक पहुंचती हूँ|

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