Deoria Jila Ke Pramukh Melon ki Jankari: संस्कृति, श्रद्धा और सामाजिक ताने-बाने की झलक

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Deoria Jila Ke Pramukh Melon ki Jankari: देवरिया जिला, उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को संजोए हुए एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां के मेलों की रौनक, धार्मिक श्रद्धा और सामाजिक एकता का प्रतीक है। आइए, जानते हैं देवरिया जिले के कुछ प्रमुख मेलों के बारे में, जो न केवल स्थानीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि दूर-दूर से लोगों को आकर्षित करते हैं।

Deoria Jila Ke Pramukh Melon ki Jankari

देवरिया मेलों के कुछ प्रमुख मेलों के नाम और उनकी सभी जानकारी हमने आपको नीचे प्रदान की गयी है |

1. रामनवमी मेला

रामनवमी मेला, भगवान राम के जन्मदिन का उत्सव मनाता है। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम, झांकियाँ और प्रवचन आयोजित होते हैं। श्रद्धालु भगवान राम की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं।

रामनवमी मेला देवरिया जिले का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में यह मेला चैत्र महीने में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर देवरिया का माहौल भक्तिमय हो जाता है और पूरे जिले में उत्साह और उल्लास का माहौल छा जाता है।

रामनवमी मेला कब होता है?

रामनवमी मेला चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल महीने में पड़ती है। यह वही दिन है जब भगवान राम का जन्म अयोध्या में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था।

2. सावन मेला

सावन मेला, देवभूमि की धार्मिक आस्था का प्रतीक है। यह मेला सावन के महीने में आयोजित होता है और इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। सावन के इस पावन महीने में शिवभक्त कांवड़ लेकर भगवान शिव के मंदिरों में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। मेला स्थल पर भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान की धूम रहती है।

सावन मेला, देवरिया जिले का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो सावन के पवित्र महीने में मनाया जाता है। यह मेला भगवान शिव की भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है और इसे शिवभक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है।

सावन मेला कब होता है?

सावन मेला, सावन के महीने में आयोजित होता है, जो आमतौर पर जुलाई और अगस्त के बीच पड़ता है। इस महीने को हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है, क्योंकि इसे भगवान शिव का पसंदीदा महीना माना जाता है। सावन की हर सोमवार को विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं, जिन्हें “सावन सोमवार” कहा जाता है।

3. ब्रह्म बाबा मेला

ब्रह्म बाबा मेला, देवरिया जिले के धार्मिक मेलों में से एक है। यह मेला ब्रह्म बाबा के सम्मान में आयोजित किया जाता है और इसमें भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस मेले में धार्मिक प्रवचन, कीर्तन और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, जो लोगों को आध्यात्मिक शांति और मानसिक सुकून प्रदान करते हैं।

ब्रह्म बाबा मेला कब होता है?

ब्रह्म बाबा मेला सालभर में विभिन्न धार्मिक तिथियों पर आयोजित किया जाता है। विशेष रूप से यह मेला कार्तिक महीने में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर में पड़ता है। इस दौरान भक्तजन बड़ी संख्या में ब्रह्म बाबा के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।

4. दुर्गा पूजा मेला

दुर्गा पूजा मेला, शक्ति की देवी दुर्गा के सम्मान में आयोजित होता है। यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। नवरात्रि के दौरान आयोजित इस मेले में भव्य पंडाल, झांकी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भरमार होती है। लोग दुर्गा माँ की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते हैं और मेले की रौनक का आनंद लेते हैं।

दुर्गा पूजा मेला, देवरिया जिले का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो शक्ति की देवी दुर्गा के सम्मान में मनाया जाता है। यह मेला नवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित होता है और इसमें देवी दुर्गा की भव्य पूजा और आराधना की जाती है।

दुर्गा पूजा मेला कब होता है?

दुर्गा पूजा मेला नवरात्रि के दौरान आयोजित होता है, जो अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक चलता है। यह आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर के महीने में पड़ता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और दशहरे के दिन इस मेले का समापन होता है।

5. दीपावली मेला

दीपावलीउत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में दीपावली मेला एक विशेष स्थान रखता है। दीपावली का पर्व वैसे तो पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन देवरिया का दीपावली मेला अपनी खासियत और रौनक के कारण विशेष पहचान रखता है।

मेला, प्रकाश और खुशी का पर्व है। यह मेला दीपावली के अवसर पर आयोजित होता है और इसमें लोग खरीदारी, मनोरंजन और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। मेले में तरह-तरह के स्टॉल, झूले और खेलकूद की गतिविधियाँ होती हैं, जो बच्चों और बड़ों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं।

दीपावली मेला कब होता है?

दीपावली मेला दीपावली के अवसर पर आयोजित किया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर के महीने में पड़ता है। यह मेला दीपावली के एक सप्ताह पहले शुरू होता है और दीपावली के कुछ दिन बाद तक चलता है, जिससे लोगों को त्योहार का आनंद लेने का भरपूर समय मिलता है।

6. छठ मेला

छठ पर्व का मेला, विशेष रूप से महिलाओं और परिवारों के बीच लोकप्रिय है। यह मेला सूर्य देवता की पूजा के लिए आयोजित होता है और इसमें व्रती महिलाएं कठिन व्रत रखकर सूर्य को अर्घ्य देती हैं। मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं, जो पूरे वातावरण को भक्ति और श्रद्धा से भर देते हैं।

छठ मेला, देवरिया जिले का एक प्रमुख पर्व है जो बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के कई भागों में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता की पूजा और धन्यवाद के रूप में मनाया जाता है, जिसमें बारामदे रोहिनी की धरती पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय विशेष अर्घ्य और प्रार्थनाएं की जाती हैं।

छठ मेला कब होता है?

देवरिया में छठ मेला वर्ष के नवंबर-दिसंबर महीने में होता है। यह पर्व स्थानीय लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसका आयोजन विशेष उत्साह और धूमधाम से किया जाता है।

7. होली मेला

होली मेला, रंगों और उत्साह का प्रतीक है। होली के अवसर पर आयोजित यह मेला विभिन्न प्रकार के संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भरपूर होता है। लोग एक-दूसरे पर रंग गुलाल लगाते हैं और होली के गीत गाकर त्योहार का आनंद लेते हैं।

होली मेला कब होता है  ?

 होली त्योहार के दौरान (फरवरी-मार्च),होली मेलादो सिर्फ देवरिया मै नही भारत भर में होली के त्योहार के दौरान मनाया जाता है। होली त्योहार हिन्दू कैलेंडर के फाल्गुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो वर्ष में मार्च या अप्रैल महीने में आता है। होली मेला भारत के विभिन्न राज्यों और नगरों में विभिन्न ढंग से मनाया जाता है, जिसमें रंगों का उत्सव, धार्मिक आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।

निष्कर्ष – Deoria Jila Ke Pramukh Melon ki Jankari

देवरिया जिले के ये प्रमुख मेले न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये स्थानीय व्यापार और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देते हैं। इन मेलों के माध्यम से न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों को भी देवरिया की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से रूबरू होने का अवसर मिलता है। अगर आप भी भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो देवरिया के इन मेलों में अवश्य शामिल हों।

पूछे गए प्रश्न –

1. देवरिया मेला कब होता है?

देवरिया मेला वर्षिक रूप से चैत्र मास के शुक्ल पक्ष को आयोजित होता है। यह मार्च-अप्रैल के बीच होता है।

2. देवरिया मेला किस प्रकार का मेला है?

देवरिया मेला प्राचीन समय से ही चलने वाला एक प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक मेला है। यहां पर पर्यटक और स्थानीय लोग सांस्कृतिक एवं व्यापारिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।

3. देवरिया मेला में क्या देखने को मिलता है?

देवरिया मेला में आपको धार्मिक और सांस्कृतिक प्रदर्शनियाँ, हस्तशिल्प, स्थानीय खाद्य-व्यंजन, रंग-बिरंगे वस्त्र, गीत-संगीत और भारतीय फ़ोल्कलोर का अनुभव मिलता है।

4. देवरिया मेला कहाँ पर होता है?

देवरिया मेला उत्तर प्रदेश राज्य के देवरिया जिले में होता है। यह मेला देवरिया नगर के निकट स्थित संत दिनानाथ मंदिर के पास आयोजित होता है।

में विनोद कैतोलिया, एक हिन्दी ब्लॉगर हूं मे जॉब, न्यूज, एजुकेशन से संबंधित आर्टिकल deoriatoday.com वेबसाइट पर पब्लिश करता हूं, मुझे इस एजुकेशन एंड जॉब के क्षेत्र मे 3 साल se ज्यादा का अनुभव हो चुका है और मे इस ब्लॉग के द्वारा लोगों को नयी और एकदम सही इन्फॉर्मेशन उपलब्घ कराता हूं |

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