अगर आप कम लागत में एक लाभदायक बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। सरकार इस योजना के तहत लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयाँ कम कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएँ प्रदान कर रही है।
जन औषधि केंद्र योजना क्या है?
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) की शुरुआत सरकार ने 2008 में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराना है। इसके तहत इच्छुक उद्यमियों को सरकार जन औषधि केंद्र खोलने के लिए वित्तीय मदद और अन्य सुविधाएँ प्रदान करती है।
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए पात्रता
अगर आप जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं, तो निम्नलिखित पात्रता शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:
- शैक्षणिक योग्यता:
- डी-फार्म (D. Pharma) या बी-फार्म (B. Pharma) की डिग्री होनी चाहिए।
- यदि आपके पास यह डिग्री नहीं है, तो आपको किसी ऐसे व्यक्ति को नौकरी पर रखना होगा जिसके पास यह डिग्री हो।
- संस्थान/संगठन:
- सरकारी अस्पताल या मेडिकल कॉलेज भी इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं।
- चैरिटेबल संस्थाएँ, ट्रस्ट, फार्मासिस्ट एंटरप्रेन्योर और समितियाँ भी इस योजना के तहत आवेदन कर सकती हैं।
- आवेदन के समय:
- डी-फार्म, बी-फार्म, या फार्म-डी की डिग्री का प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है।
जन औषधि केंद्र खोलने पर कितना मुनाफा होगा?
सरकार द्वारा जन औषधि केंद्र संचालकों को दवा की बिक्री पर अच्छा मार्जिन दिया जाता है।
- प्रॉफिट मार्जिन:
- दवाइयों की एमआरपी पर 20% मार्जिन दिया जाता है।
- यानी अगर आप ₹100 की दवाई बेचते हैं, तो आपको ₹20 का लाभ होगा।
- अतिरिक्त इंसेंटिव:
- विशेष श्रेणी के उद्यमियों जैसे एक्स-सर्विसमैन, एससी/एसटी, दिव्यांगजन, महिला उद्यमी, और उत्तर-पूर्वी राज्यों के उद्यमियों को ₹2 लाख तक का अतिरिक्त इंसेंटिव मिलता है।
- इसमें ₹1.5 लाख फर्नीचर और फिक्सचर के लिए और ₹50,000 कंप्यूटर, इंटरनेट, प्रिंटर आदि के लिए दिए जाते हैं।
जन औषधि केंद्र खोलने की प्रक्रिया
- आवेदन कैसे करें?
- PMBJP की आधिकारिक वेबसाइट janaushadhi.gov.in पर जाएँ।
- “Apply for New Kendra” सेक्शन में क्लिक करें।
- आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें और आवेदन सबमिट करें।
- आवश्यक दस्तावेज़:
- आधार कार्ड, पैन कार्ड
- डी-फार्म/बी-फार्म की डिग्री प्रमाण पत्र
- दुकान का किराया समझौता पत्र या मालिकाना प्रमाण
- बैंक पासबुक की कॉपी
- जीएसटी पंजीकरण (यदि आवश्यक हो)
- अनुमोदन प्रक्रिया:
- सरकार द्वारा आवेदन की समीक्षा की जाएगी।
- स्वीकृति के बाद, स्टॉक और अन्य आवश्यकताओं की जानकारी दी जाएगी।
- दवाइयों की आपूर्ति जन औषधि वितरण केंद्रों से होगी।
सरकार जन औषधि केंद्र को क्यों बढ़ावा दे रही है?
- महंगी दवाइयों के विकल्प के रूप में सस्ती जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराना।
- सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को अधिक से अधिक जेनेरिक दवाइयाँ प्रिस्क्राइब करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- आम जनता को यह जागरूक करना कि सस्ती दवाइयाँ भी उतनी ही प्रभावी होती हैं जितनी महंगी दवाइयाँ।
- गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को किफायती स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना।
निष्कर्ष
जन औषधि केंद्र खोलना कम लागत में शुरू होने वाला एक लाभदायक बिजनेस है, जिसमें सरकार की ओर से वित्तीय सहायता और अतिरिक्त इंसेंटिव दिए जाते हैं। अगर आपके पास फार्मेसी की डिग्री है या आप किसी योग्य व्यक्ति के साथ साझेदारी कर सकते हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। इससे आप ना सिर्फ मुनाफा कमा सकते हैं, बल्कि समाज सेवा में भी योगदान दे सकते हैं।
👉 अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट janaushadhi.gov.in पर विजिट करें।