बिटकॉइन की कीमत में भारी गिरावट: जानिए कारण, प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

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परिचय:

बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में हाल ही में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। एशियाई कारोबारी घंटों के दौरान बिटकॉइन की कीमत घटकर $82,220 तक आ गई, जो पिछले कुछ हफ्तों का सबसे निचला स्तर है। यह गिरावट कई वैश्विक और आर्थिक कारणों से आई है, जिसमें अमेरिका की नई आर्थिक नीतियां, निवेशकों की घबराहट और क्रिप्टोकरेंसी बाजार में बिकवाली का दबाव प्रमुख हैं।

बिटकॉइन ने 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण के दिन $109,241 का ऐतिहासिक उच्चतम स्तर छुआ था। ट्रम्प को शुरू में क्रिप्टो समर्थक माना गया था, लेकिन उनकी आक्रामक आर्थिक नीतियों और टैरिफ घोषणाओं के कारण बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई, जिससे बिटकॉइन सहित अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट आई।

बिटकॉइन की गिरावट के प्रमुख कारण:

1. क्रिप्टो बाजार में बिकवाली का दबाव

  • पिछले कुछ हफ्तों में निवेशकों द्वारा भारी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री की जा रही है।
  • बड़ी मात्रा में बिकवाली होने से बिटकॉइन की मांग में कमी आई, जिससे इसकी कीमत नीचे गिर गई।
  • कई संस्थागत निवेशक, जिन्होंने हाल ही में क्रिप्टो में निवेश किया था, अब अपने निवेश वापस निकाल रहे हैं, जिससे गिरावट और तेज हो रही है।

2. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और आर्थिक नीतियां

  • डोनाल्ड ट्रम्प की राष्ट्रपति पद पर वापसी के बाद बाजार में अस्थिरता देखी गई।
  • शुरुआत में ट्रम्प को क्रिप्टो समर्थक माना जा रहा था, लेकिन उनकी आर्थिक नीतियों ने क्रिप्टो बाजार में अनिश्चितता पैदा कर दी।
  • ट्रम्प ने हाल ही में कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ और चीनी आयात पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की।
  • इस नीति के चलते निवेशकों में डर पैदा हुआ, और उन्होंने जोखिम भरे निवेशों से पैसे निकालने शुरू कर दिए।
  • ट्रम्प ने यूरोपियन यूनियन पर भी 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी, जिससे वैश्विक शेयर और क्रिप्टो बाजार दोनों में गिरावट देखने को मिली।

3. क्रिप्टो बाजार पर बाहरी आर्थिक दबाव

  • वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता के कारण निवेशकों की दिलचस्पी सुरक्षित निवेश विकल्पों जैसे सोना और सरकारी बॉन्ड में बढ़ी है।
  • अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की अटकलों से भी क्रिप्टो बाजार में नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
  • कई सरकारें क्रिप्टोकरेंसी पर सख्त नियमन लागू कर रही हैं, जिससे निवेशकों की रुचि घटी है।

4. अन्य क्रिप्टोकरेंसी पर भी असर

  • सिर्फ बिटकॉइन ही नहीं, बल्कि ईथर, सोलाना, एक्सआरपी जैसी अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भी भारी गिरावट देखी गई है।
  • क्रिप्टो बाजार में बड़े निवेशकों (व्हेल) के पैसे निकालने से संपूर्ण क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हुआ है।

क्रिप्टो बाजार पर गिरावट का प्रभाव

1. निवेशकों की घबराहट बढ़ी

  • क्रिप्टो बाजार में गिरावट से छोटे निवेशकों में डर का माहौल बन गया है।
  • कई निवेशक घाटा सहने के डर से अपने क्रिप्टो एसेट्स बेच रहे हैं, जिससे बाजार में और अधिक गिरावट आ रही है।

2. संस्थागत निवेशकों का भरोसा डगमगाया

  • बड़ी कंपनियां और संस्थागत निवेशक, जिन्होंने बिटकॉइन को अपनाना शुरू किया था, अब अस्थिरता के कारण अपने निवेश पर पुनर्विचार कर रहे हैं।
  • अगर यह गिरावट जारी रहती है, तो हो सकता है कि कुछ बड़ी कंपनियां क्रिप्टो निवेश से पीछे हट जाएं।

3. क्रिप्टो अपनाने की गति धीमी हो सकती है

  • पिछले कुछ वर्षों में कई देश बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से अपनाने पर विचार कर रहे थे, लेकिन मौजूदा गिरावट के कारण यह प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
  • कई देश पहले ही क्रिप्टो को लेकर सख्त नियम बना रहे हैं, जिससे इसके व्यापक स्तर पर अपनाने में देरी हो सकती है।

भविष्य की संभावनाएं

1. क्या बिटकॉइन की कीमत में सुधार होगा?

  • क्रिप्टो बाजार में गिरावट के बाद अक्सर रिकवरी देखी जाती है, लेकिन इस बार आर्थिक और राजनीतिक कारणों से स्थिति थोड़ी अलग हो सकती है।
  • यदि ट्रम्प की आर्थिक नीतियों में बदलाव आता है या बाजार में स्थिरता आती है, तो बिटकॉइन की कीमत दोबारा ऊपर जा सकती है।
  • कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निवेशकों में दोबारा विश्वास लौटता है, तो बिटकॉइन फिर से $100,000 के स्तर को छू सकता है।

2. क्या निवेशकों को इस समय खरीदारी करनी चाहिए?

  • कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट निवेशकों के लिए खरीदारी का अच्छा मौका हो सकता है, क्योंकि भविष्य में कीमतें बढ़ सकती हैं।
  • हालांकि, बाजार की अनिश्चितता को देखते हुए नए निवेशकों को सतर्क रहने और अपने जोखिम को अच्छी तरह से समझने की जरूरत है।

3. क्रिप्टो बाजार का दीर्घकालिक भविष्य

  • क्रिप्टोकरेंसी अभी भी एक उभरता हुआ बाजार है, जो कई बाहरी कारकों से प्रभावित होता है।
  • अगर सरकारें और वित्तीय संस्थाएं क्रिप्टो को स्वीकार करने के लिए सकारात्मक कदम उठाती हैं, तो बाजार में स्थिरता आ सकती है।
  • बिटकॉइन की तकनीक और उपयोगिता में सुधार होने से इसकी मांग फिर से बढ़ सकती है।

निष्कर्ष:

बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की हालिया गिरावट कई वैश्विक और आर्थिक कारणों से हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई आर्थिक नीतियों, क्रिप्टो बाजार में बिकवाली और निवेशकों की घबराहट के कारण यह गिरावट तेज हुई।

हालांकि, क्रिप्टो बाजार में उतार-चढ़ाव आम बात है, और कई विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में यह स्थिति बदल सकती है। निवेशकों को इस समय धैर्य रखने और सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है, ताकि बाजार में स्थिरता आने के बाद वे बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकें।

👉 क्या आप इस गिरावट को खरीदारी का मौका मानते हैं या क्रिप्टो में निवेश करने से बचेंगे? अपनी राय कमेंट में साझा करें!

मै रिया शर्मा पिछ्ले 3 सालो से हिंदी में कंटेंट राइटिंग कर रही हूँ| मै योजना,नौकरी और बिजनेस अवधारणा में विशेषज्ञ लेखक हूँ| मै 'देवरिया टुडे' के माध्यम से योजना, व्यवसाय,नौकरी से संबंधित जानकारी आप तक पहुंचती हूँ|

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