भावांतर योजना से सोयाबीन पर मिलेगा 5328 रुपये प्रति क्विंटल तक फायदा — किसानों ने कहा, “सरकार ने दिल जीत लिया”

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गुना (मध्य प्रदेश): किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है! सरकार की भावांतर योजना के तहत सोयाबीन पंजीयन शुरू हो चुका है। ये पंजीयन 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक चलेंगे। यानी अब किसान अपनी फसल बेचकर भी घाटे में नहीं रहेंगे, क्योंकि अगर बाजार में दाम कम मिलते हैं तो सरकार खुद उनके खाते में अंतर की रकम डालेगी।

5328 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य तय किया गया है। अगर कोई किसान अपनी फसल इससे कम दाम पर बेचता है, तो बाजार भाव और एमएसपी के बीच का अंतर सीधा उसके बैंक खाते में जाएगा। यानी जो नुकसान अब तक बाजार में होता था, अब वो सरकार पूरा करेगी।

कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि जिले में किसानों को योजना की पूरी जानकारी दी जा रही है। मंडियों में हेल्प डेस्क बनाए जा रहे हैं, पोस्टर-होर्डिंग लग रहे हैं और हर स्तर पर निगरानी हो रही है ताकि किसी किसान को दिक्कत न हो। उन्होंने कहा,

“यह योजना किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने का बड़ा कदम है। हमने किसानों और व्यापारियों के साथ कई बैठकें भी की हैं, ताकि सबको इसका फायदा मिल सके।”

कृषि विभाग के उप निदेशक संजीव शर्मा ने बताया कि किसान एमपी किसान पोर्टल, सीएससी या पैक्स के जरिए आसानी से पंजीयन करा सकते हैं।

“जो किसान 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 के बीच अपनी सोयाबीन की फसल बेचेंगे, उन्हें योजना का पूरा लाभ मिलेगा।”

अब बात करें किसानों की — तो उनके चेहरों पर साफ खुशी झलक रही है।

किसान मलखान बघेल बोले,

“सरकार का ये फैसला वाकई शानदार है। खेती का खर्च दिन-ब-दिन बढ़ रहा है — मजदूरी, बीज, खाद सब महंगे हैं। ऐसे में अगर सरकार फसल का घाटा खुद भर रही है, तो इससे बड़ी राहत और क्या होगी।”

वहीं किसान अभिषेक मीणा ने कहा,

“भावांतर योजना किसानों के लिए वरदान है। अगर बाजार में 4000 रुपये क्विंटल के हिसाब से सोयाबीन बिकता है, तो हमें करीब 350 रुपये क्विंटल भावांतर के मिलते हैं। ये एकदम सही कदम है।”

किसान बलराम सिंह ने कहा,

“मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है। फसल के दाम सुधर रहे हैं, किसानों को फायदा मिल रहा है। हाँ, खर्चे जरूर बढ़े हैं, लेकिन सरकार की मदद से बोझ थोड़ा कम हुआ है।”

किसान जयपाल सिंह यादव बोले,

“खेती महंगी हो गई है — मजदूरी, खाद सब बढ़ रहे हैं। ऐसे में ये योजना किसानों के लिए संजीवनी साबित होगी। इससे सिर्फ सोयाबीन नहीं, बल्कि बाकी फसलों को भी सहारा मिलेगा।”

किसान देवेंद्र अहिरवार और त्रिलोक रघुवंशी ने भी सरकार की तारीफ करते हुए कहा,

“हर चीज महंगी हो रही है, ऐसे में भावांतर योजना बहुत काम की है। अब सरकार से बस उम्मीद है कि मक्का जैसी दूसरी फसलों पर भी ध्यान दिया जाए।”


कुल मिलाकर, गुना जिले में किसानों ने सरकार की इस पहल को खुलकर सराहा है। भावांतर योजना से एक तरफ जहां किसानों की आय सुरक्षित होगी, वहीं मंडियों में भी फसलों के भाव स्थिर होने की उम्मीद है।

I'm Sayukta Salunke. I specialize in breaking down complex government schemes (Yojanas) and the latest job news into clear, actionable information. My focus is on providing accurate, up-to-date details to help you access benefits and advance your career with confidence.

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